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ISBN: 978-93-84081-81-2

Author: Dr. Mousmi Solanki

Year of Publication: 2019

Page Count: 228

Binding: Paperback

Language: Hindi

Description:

सृष्टि के आदिकाल में योग का जितना महत्व आध्यात्मिक ज्ञान की उपलब्धि और ईश्वर से तादात्म्य स्थापित करने के लिए समझा जाता था उससे कहीं अधिक उसे आज के कुठांकुण्ड और तनाव भरे वातावरण में मानव जीवन को सच्चा सुख और आनंद लाने में सहायक माना जा रहा है। विविध प्रकार की प्राणायाम मुदाएॅं और योगासन, मरणासन्न और अत्यन्त कृषकाय व्यक्ति में भी प्राणों का संचार करने में पूर्ण सक्षम हैं। तेजी से बढती जनसंख्या के दबाव तथा भूख और बेरोजगारी के उत्पीड़न से तस्त्र यह विश्व सच्चे सुख और शांति की तलाश में भटकता दृष्टिगत हो रहा है। टूटन और भटकन से मुक्ति के लिए वह योग की तरफ तेजी से मुड़ा है और यह गौरव की बात है कि शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य को दृष्टि में रखकर लिखी गई यह पुस्तक योगासनों के बारे में खोेजपूर्ण अध्ययन प्रस्तुत करती है और सबके लिए उपयोगी बन पड़ी है।
    योगासन और प्राणायाम केवल वानप्रस्थी व सन्यासियों के लिए ही नहीं बल्कि हर स्त्री-पुरूष, युवक-युवती, बाल-वृद्व के लिए इसका अभ्यास समान रूप से लाभकारी है। पुस्तक को जन सामान्य की सरल और रोचक भाषा में लिखा गया है पुस्तक में चित्रों की भरमार है ताकि विषय-वस्तु को सरलता से समझा जा सके। पुस्तक सभी वर्ग के पाठकों के लिए उपयोगी होगी ऐसा मेरा विश्वास है।

 

Yogadarshan

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