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ISBN: 978-93-93082-75-6

Author: Dr. Sunita Soni

Year of Publication: 2024

Page Count: 180

Language: Hindi

Description:

विधि व्यवसाय, लैंगिक असमानता को नकारता है तथा उसके विरूद्ध कानून बनाता व क्रियान्वित करता है। विधि व्यवसाय में कार्यरत् महिला व पुरूष के बीच लैंगिक असमानता का पता लगाना और भी आवश्यक है क्योंकि संविधान में पुरूष व महिला के लिए समान स्तर का एक स्वीकृत आधार है। यद्यपि स्वतंत्रता उपरांत समान अधिकारों की घोषणा व कानूनों ने कार्यशील जनसंख्या में महिलाओं के प्रतिशत में तेजी से वृद्धि की परन्तु विधि व्यवसाय में अब भी महिलाओं का प्रतिनिधित्व बहुत कम है। जिसके कारण इस क्षेत्र में उनके साथ होने वाली लैंगिक असमानता व भेदभाव की विद्यमानता व गहनता बढ़ी है। प्रस्तुत पुस्तक में विधि व्यवसाय में मौजूद लैंगिक असमानता व भेदभाव का आलोचनात्मक अध्ययन किया गया है। विधि व्यवसाय में लैंगिक असमानता और भेदभाव की प्रकृति व स्वरूप की विस्तृत व्याख्या करने के पश्चात, लैंगिक असमानता और भेदभाव के कारणों का विश्लेषण किया गया है। पुस्तक में विधि व्यवसाय में लैंगिक असमानता और इस पर आधारित भेदभाव का इस व्यवसाय से संबंधित व्यक्तियों के जीवन पर पड़ने वाले प्रभावों का भी अध्ययन किया गया है।

Bharat Mein Lengik Asamaanataa: Vidhi Vyasaaya Ke Sandarbha Mein

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